तुमने समझा
नहीं, जो वफ़ा दिल में है,
जो खता हमने कर दी,
भुलाया करो.
जब भी गलियों से
गुजरूँ, एक पलक देख लो,
घर के अंदर ना
हमको बिठाया करो
तमाम पहरे लग, हैं
बहुत बंदिशें,
ज़हमत्त मिलने की
तुम, ना उठाया करो
जान ले लेंगे उनकी,
या दे देंगे हम,
प्यार इतना ना
हमसे जताया करो
तुमसे मिलने के
मेरे फ़ासले कम नहीं,
पर अपने आँखों में
हमको बसाया करो
खो न देना ये पल,
गम के गीतों में तू
वक़्त रुकता नहीं,
ना यूँ ही जाया करो
बन के सूरमा, मैं
पलकों में सजता रहूँ,
बहा के
अश्कों में, यूँ ना गवायाँ करो
न नज़रें बचाओ, न
वक़्त का इल्म हो,
तुम ख़्वाबों में
ही आया-जाया करो
जो सुना तुमने अब,
वो है दस्तक मेरी,
बस मोहब्बत से
हमको बुलाया करो
जान ले लेंगे उनकी,
या दे देंगे हम,
प्यार इतना ना
हमसे जताया करो
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